" ब्रह्मचर्य " केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है। यह न सिर्फ शरीर पर नियंत्रण है, बल्कि मन, वाणी और इंद्रियों पर भी संयम रखने की कला है। 🧘♂️ ब्रह्मचर्य का शाब्दिक अर्थ: "ब्रह्म" (सत्य/ईश्वर) + "चर्य" (चलना) यानी ब्रह्म की ओर चलना। जब हम ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं, तो हम: अपनी ऊर्जा का संरक्षण करते हैं विचारों में शुद्धता लाते हैं लक्ष्य पर एकाग्र रहते हैं आत्मा से जुड़ते हैं ब्रह्मचर्य के लाभ: मानसिक स्पष्टता और तेज़ याददाश्त आत्म-नियंत्रण और दृढ़ इच्छाशक्ति शारीरिक शक्ति और आकर्षण आध्यात्मिक उन्नति 🙏 जो व्यक्ति इंद्रियों पर विजय पा लेता है, वह संसार पर विजय पा सकता है। "ब्रह्मचर्य कोई बंदिश नहीं, बल्कि आत्मा की आज़ादी का रास्ता है।"
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